फराज फातमी ने JDU से दिया इस्तीफा
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आने लगा है, नेताओं के पाला बदलने का दौर शुरू हो गया है। आज से कुछ दिन पहले दरभंगा के पूर्व सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातिमा ने अपने नैतिक मूल्यों का हवाला देते हुए जदयू से इस्तीफा दे दिया इसके बाद उन्होंने मधुबनी लोकसभा से चुनाव लड़ने की बात कही थी।
वहीं आज अली अशरफ आदमी के बेटे फराज फातमी ने भी अपने नैतिक मूल्यों का हवाला देते हुए अपना त्यागपत्र जनता दल यू के अध्यक्ष को भेज दिया है। त्यागपत्र देते हुए उन्होंने कहा है की नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए मैं जदयू के प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा देता हूं। अब उनके इस्तीफा देने के बाद इनके भी राजद में जाने के प्रयास लगाए जा रहे हैं।
केवटी विधानसभा से विधायक रह चुके हैं।
जानकारी हो कि 2015 में फराज फातमी केवटी विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। वह 26 वर्ष के थे जब उन्होंने 2010 में केवटी, दरभंगा से अपना पहला विधान सभा चुनाव लड़ा था। उस वक्त वह अशोक कुमार यादव से 28 वोटों से हार गए। 2015 का बिहार विधान सभा चुनाव उनके लिए बेहतर साबित हुआ क्योंकि उन्होंने उसी निर्वाचन क्षेत्र से 7 हजार वोटों से जीत हासिल की। उन्होंने अगस्त 2020 में राष्ट्रीय जनता दल छोड़ दिया और उसी दिन, वह कैबिनेट मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव की उपस्थिति में जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए। और आज उन्होंने जदयू से त्यागपत्र दे दिया है।
अपने इस्तीफा क्यों दिया?
मेरे इस्तीफा देने का कारण है कि बिहार में एक अच्छी सरकार चल रही थी। चाचा और भतीजे की, विकास और सामाजिक न्याय की सरकार चल रही थी। आखिर किस दबाव में आकर नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया। पूरा देश उनकी तरफ देख रहा था। बिहार से एक क्रांति निकलती, एक इंकलाब निकलता। उसको रोकने का काम किया गया। इसी पीड़ा और तकलीफ को मैने जब देखा, तब पार्टी से मुझे मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ा। CM नीतीश किस दबाव में हैं, वो मैं नहीं जानता। उन्होंने काम किया, तेजस्वी ने और अच्छा काम किया, नौकरी दी। 17 महीने में 5 लाख युवाओं को नौकरी देना कोई मामूली काम नहीं है, जो तेजस्वी ने कर दिखाया।
सरकार के टूटे काफी दिन अब बीत चुके हैं।
पहले पिता, फिर आपने इस्तीफा दिया ?
यही कारण है कि मैने बहुत विचार किया, इसमें तो मुझे नहीं लगा कि मुझे जारी रखना चाहिए क्योंकि मुल्क में आपातकाल लगी हुई है। सभी डर और भय में जी रहे हैं कि किसपर, कहां, कब दबिश हो जाए। इसलिए कोशिश करनी है कि वैसे सोच और विचार को खत्म करना है।
अगला कदम क्या होगा, क्या राजद में जाएंगे ?
बहुत जल्दी विचार होगा, अभी तो मैं ये नहीं कह सकता।
इस्तीफा के संबंध में JDU के किसी बड़े नेता से बात हुई है ?
नहीं, मेरी बात नहीं हुई है। मैने अपना विचार प्रकट करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
किसी माध्यम से इस्तीफा दिया ?
मेरी मुलाकात किसी से नहीं हुई है। ऑफिस बंद था, इसलिए मैने मेल के जरिए भेजा है। ऑफिशियल ईमेल पर इस्तीफा भेज दिया है।
इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है ?
वो मुझे नहीं पता, मुझे अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। मैने अपने तरफ से इस्तीफा भेज दिया है
दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
Mar 24 2024, 16:22